हैल्लो दोस्तों, राजकुमार का आप सभी को प्यार भरा नमस्कार। इस कहानी के पात्रो से आप सभी का परिचय करवा देता हूँ। दोस्तों राकेश मेरा बहुत पुराना दोस्त है और में हमेशा उसके साथ में अपनी हर एक बात करता हूँ और बहुत मौज मस्ती भी करता हूँ। दोस्तों राकेश 22 साल का एक हट्टाकट्टा लड़का है और हम दोनों में बहुत बनती है। दूसरी पात्र सीमा वो राकेश की माँ है जो कि एक सेक्सी माल है, उनकी उम्र करीब 35 है और वो बला की सुंदर, थोड़ी पुरानी सोच, लेकिन वो बहुत अच्छे व्यहवार और विचारों की औरत है और उनका फिगर 38 -34 -38 है और वो दिखने में दूध जेसी सफेद और आज भी बहुत जवान लगती है।
दोस्तों इस कहानी का तीसरा पात्र जी हाँ वो में हूँ और मुझे चुदाई का बहुत शौक है और यह घटना मेरे साथ करीब एक साल पहले घटित हुई वैसे तो में एक चुड़क्कड़ किस्म का इंसान हूँ तो इसलिए में हमेशा कोई ना कोई चूत ढूंढता रहता हूँ। दोस्तों मेरा राकेश के यहाँ पर रोज का आना जाना लगा रहता था, लेकिन उसकी माँ को देखकर हमेशा से ही मेरा लंड उसे चोदने को होता था, लेकिन मुझे कभी कोई ऐसा मौका नहीं मिला जिसका में अच्छी तरह से फायदा उठा सकता? वैसे हम हमेशा थोड़ी बहुत हंसी, मजाक बातें कर लिया करते थे। दोस्तों अब राकेश का जन्मदिन बहुत नज़दीक आ रहा था और उसके पापा किसी जरूरी काम से कुछ दिनों के लिए बाहर गये हुए थे। मैंने उसे एक दिन फोन किया और पेपर होने के कारण हम ज़्यादा घूम नहीं पा रहे थे। राकेश हैल्लो..
में : राकेश क्यों कहाँ है यार?
राकेश : यार में तो अपने घर पर हूँ और टी.वी. देख रहा हूँ।
में : यार चल ना कोई फिल्म देखने चलते है।
राकेश : रुक में अभी अपनी माँ से पूछता हूँ।
में : ठीक है थोड़ी देर बाद दोबारा फोन करता हूँ।
राकेश : यार मेरी माँ मुझसे जाने के लिए मना कर रही है, वो कह रही है कि घर पर ही रह, यार तू मेरे घर पर आजा हम लोग घर पर ही फिल्म देख लेते है।
में : ठीक है में बीस मिनट में तेरे पास आता हूँ।
राकेश : हाँ ठीक है।
फिर में तैयार होने लगा और मन ही मन बहुत खुश भी था कि मुझे आज उसकी सेक्सी माँ को देखने का मौका मिलेगा। में तैयार होकर राकेश के घर को निकल गया और उसके घर पर पहुंचकर मैंने घंटी बजाई, राकेश ने दरवाजा खोला और मुझसे अंदर आने को कहा।
में : राकेश अंकल और आंटी कहाँ है?
राकेश : यार पापा एक हफ्ते के लिए काम से बाहर गये है और माँ अभी सो रही है।
में : यार छुट्टियाँ भी है, लेकिन मौज मस्ती नहीं की तो अब तरस रहा हूँ और तू बता तू तो अंजलि को मिलने जा रहा था ना?
राकेश : नहीं यार नहीं जा पाया घर में काम बहुत है और माँ नाराज़ हो है इसलिए नहीं गया।
में : कोई बात नहीं यार माँ मान जाएगी।
राकेश : चल अब फिल्म देखते है, में कल ही लेकर आया था।
में : हाँ चल बहुत दिन हो गये फिल्म देखे।
दोस्तों अब हम राकेश के रूम में जाकर फिल्म देखने लगे और एक घंटे बाद आंटी उठ गई और उस कमरे में आई जिसमें हम बैठे हुए फिल्म देख रहे थे।
आंटी : क्यों क्या देख रहे हो तुम दोनों?
में : नमस्ते आंटी।
राकेश : फिल्म देख रहे है माँ।
आंटी : ठीक है, में तुम लोगों के लिए कुछ खाने को लेकर आती हूँ।
फिर इतना बोलकर आंटी किचन में जाने लगी और में उनकी साड़ी में उनकी मटकती हुई गांड को देखने लगा, क्या मस्त लग रही थी? फिर हम फिल्म देखने लगे और बीस मिनट बाद आंटी हमारे लिए चाय और स्नेक्स लेकर आई और वो भी हम लोगों के साथ बैठ गई और मुझसे कहने लगी लो बेटा चाय पियो और अब हम दोनों अपनी अपनी चाय अपने हाथ में लेकर स्नेक्स खाने लगे। फिर आंटी ने मुझसे पूछा कि राजा तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है?
में : जी आंटी बहुत अच्छी चल रही है।
आंटी : क्यों आज कल तुम घर पर आते नहीं हो?
में : आंटी पेपर है तो ज़्यादा समय नहीं निकल पाता इसलिए।
आंटी : हाँ बेटा अच्छी बात है और अपनी पढ़ाई में ज्यादा से ज्यादा मन लगाकर पढ़ाई करो।
में : अरे यार राकेश तेरा जन्मदिन भी तीन दिन बाद है क्यों मनाएगा ना?
राकेश : यार तू तो अच्छी तरह से जानता है कि इस समय पापा घर पर नहीं है तो बहुत मुश्किल है।
में : देख में कुछ नहीं जानता मुझे तो पार्टी चाहिए।
राकेश : यार, लेकिन।
में : में लेकिन वेकिन कुछ नहीं जानता, में तेरे घर आ जाऊंगा और फिर में, आंटी और तू मज़े करेंगे, क्यों आंटी मैंने ठीक कहा ना?
आंटी : हंसते हुए बोली कि हाँ ठीक है में खाना बना लूँगी।
में : क्यों राकेश ठीक रहा ना?
राकेश : हाँ ठीक है यार।
में : अब यार में चलता हूँ जन्मदिन पर आ जाऊंगा, ठीक है आंटी नमस्ते।
आंटी : ठीक है बेटा नमस्ते।
अब में अपने घर के लिए निकल लिया। मैंने बाहर राकेश को बोला कि यार तू बिल्कुल भी फ़िक्र मत कर, में अपने साथ विस्की ले आऊंगा।
राकेश : यार माँ के सामने तू क्या मुझे मरवाएगा?
में : यार उसकी फ़िक्र तू मत कर, आंटी को में मना लूँगा, ठीक है बाय।
राकेश : ठीक है बाय।
फिर में अपने घर पर चला आया और में अपने घर पर आकर बस उसकी माँ को चोदने के बारे में सोच रहा था कि में उसे कैसे चोदूँ और बहुत सोचने के बाद मुझे उसके जन्मदिन पर वो मौका मिल रहा था और वो सब सोचते सोचते में ना जाने कब सो गया। फिर उसके जन्मदिन के दिन मैंने राकेश को फोन करके जन्मदिन की बधाईयाँ दे दी और मैंने उससे पार्टी का समय पूछा तो वो मुझसे बोला कि तुम शाम को 7 बजे आ जाना। फिर में बोला कि ठीक है और मैंने फोन कटकर दिया। दोस्तों उसकी माँ को सोचकर ही सारा दिन लंड खड़ा होता रहा। में तीन बजे घर से बाजार चला गया और मैंने राकेश के लिए एक शर्ट खरीद ली। उसके बाद मैंने एक वाईन शॉप से एक विस्की की फुल बोतल ली और फिर मैंने मेडिकल स्टोर से एक कंडोम का पेकेट भी ले लिया और अब अपने घर पर आकर में तैयार होने लगा, में आज बहुत खुश था और डियो लगाकर में राकेश के घर के लिए निकल गया और उसके घर पर ठीक समय पर पहुंच गया। फिर उसकी माँ ने दरवाजा खोल दिया और मैंने उनसे हैल्लो आंटी कहा।
आंटी : हैल्लो बेटा, चलो अंदर आ जाओ।
में : क्या आंटी आप अभी तक तैयार नहीं हुई?
आंटी : तैयार क्या होना बेटा तुम लोग जन्मदिन मना लेना।
में : आंटी जन्मदिन तो जन्मदिन है ना और अब आपको भी हमारे साथ मनाना होगा, प्लीज आप अब तैयार हो लीजिए।
आंटी : ठीक है बेटा तुम बैठो, राकेश अपने रूम में है और कहते हो तो में भी अभी तैयार होकर आती हूँ।
दोस्तों अब आंटी अपने रूम में चली गई और में राकेश के रूम में।
में : जन्मदिन मुबारक हो राकेश।
राकेश : मेरे गले लग गया और उसने मुझे धन्यवाद बोला।
में : मैंने उसे गिफ्ट वाली शर्ट दे दी और उससे तैयार होने को बोला और अब वो भी तैयार होने लगा। फिर मैंने उससे कहा कि राकेश देख में तेरी पसंद की ब्रांड विस्की लेकर आया हूँ तो वो उसे देखकर बहुत खुश हुआ और अब हम तैयार होकर हॉल में पहुंच गये और आंटी का इंतजार करने लगे।
में : यार राकेश जन्मदिन पर तो गाना जरुर होना चाहिए ना।
राकेश : हाँ यार रुक में अभी लगाता हूँ।
तभी मेरी नज़र आंटी पर पड़ी, वो क्या लग रही थी उस नीले कलर की जालीदार साड़ी में बहुत हॉट, सेक्सी और उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी तो उनके बूब्स हिलते हुए बहुत मस्त लग रहे थे, उन्हें देखकर मेरा मन कर रहा था, उनसे चिपककर एक किस कर लूँ, लेकिन मैंने मन को कंट्रोल किया और फिर मैंने उनसे कहा कि वाह आंटी आप तो बहुत सुंदर दिख रही हो।
आंटी : थोड़ा शरमाते हुए धन्यवाद बेटा, तुम लोग क्या कर रहे हो?
में : आंटी, गाने लगा रहा हूँ।
आंटी : ठीक है तो में तुम दोनों के लिए कोल्डड्रिंक्स लेकर आती हूँ और आंटी जाने लगी।
दोस्तों उनका ब्लाउज पूरा खुला हुआ था और उसमें से उनकी कमर बहुत सेक्सी लग रही थी और उनकी वो मटकती हुई गांड देखकर में और भी पागल हो रहा था, में बस यही सोच रहा था कि अगर आज रात उसे चोद लूँ तो मज़ा आ जाए। फिर अचानक गाना शुरू हुआ तो में अपनी उस सोच से बाहर आया और हम बातें करने लगे। फिर आंटी कोल्ड ड्रिंक्स लेकर आई और फिर से जाने लगी तो में उन्हें रोकते हुए बोला कि आंटी आप कहाँ जा रही है प्लीज कुछ देर हमारे पास भी बैठिए ना?
आंटी : बेटा तुम दोनों अपना काम करो और में खाना तैयार करती हूँ।
में : आंटी आप भी हमारे साथ पार्टी में शामिल हो तो इसलिए आपको भी बैठना पड़ेगा क्यों राकेश?
राकेश : हाँ माँ बैठो ना।
आंटी : ठीक है बेटा तुम कहते हो तो में भी बैठ जाती हूँ।
दोस्तों अब आंटी हमारे सामने बैठ गई और मैंने सबको कोल्ड ड्रिंक दे दी और फिर हम तीनों ने चियर्स किया और कोल्ड ड्रिंक पीकर बातें करने लगे। तभी राकेश मुझसे बहुत धीरे से बोला कि यार अब माँ को ड्रिंक के लिए कैसे मनाएँगे? दोस्तों वो मुझसे बिल्कुल चिपककर बैठा हुआ था और गाने चलने की वजह से सिर्फ में उसकी वो सभी बातें सुन रहा था।
में : रुक में अभी उनसे बात करता हूँ।
फिर में आंटी से बोला कि आंटी आज जन्मदिन है और आज के दिन अगर हम आपसे कुछ भी मांगे तो आप हमे मना नहीं करोगी।
आंटी : हाँ बेटा बोलो तुम्हें ऐसा क्या चाहिए?
में : आंटी क्या हम ड्रिंक कर सकते है?
आंटी : थोड़ा गुस्सा होते हुए बोली कि ऐसा बिल्कुल नहीं, कुछ हो जाएगा तो और वैसे भी पीना शरीर के लिए बहुत खराब होता है।
में : हाँ आंटी हमे पता है, लेकिन सिर्फ आज के दिन, प्लीज़ आंटी ऐसा कुछ नहीं होगा, बस आज के लिए प्लीज आंटी।
आंटी : नाख़ूशी से बोली ठीक, लेकिन ज़्यादा नहीं पीना और अब में खाना बनाने जा रही हूँ।
अब आंटी किचन में चली गई और इधर हम दोनों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था। फिर मैंने बोतल बाहर निकाली और दो पेग बनाए और चियर्स करके पीने लगे, राकेश को विस्की से जल्दी नशा हो जाता था और यह बात मुझे पहले से ही पता थी तो इसलिए मैंने उसे जानबूझ कर पहला भारी पेक दे दी और खुद भी लेने लगा, हम लोग को पीते हुए करीब 45 मिनट हो चुके थे और हम दोनों को शराब का असर शुरू हो चुका था और हमने आधी बोतल ख़त्म कर ली थी। फिर मैंने राकेश से बोला कि चल यार अब थोड़ा डांस करते है और मैंने एक अच्छा सा गाना लगा दिया और हम दोनों डांस करने लगे। तभी आंटी आई और उन्होंने मुझसे कहा कि बेटा खाना बन गया है, में लगा देती हूँ और तुम आकर खा लो।
में : आंटी अभी तो हम नाचने लगे है प्लीज आप भी आ जाईए।
आंटी : नहीं बेटा, में अब अपने कमरे में जा रही हूँ।
में : प्लीज आंटी आइए ना।
अब आंटी मेरे बहुत बार कहने पर बैठ गई और राकेश को अब ज़्यादा हो ही रही थी तो वो थोड़ी देर डांस करने के बाद सोफे पर बैठ गया। फिर में आंटी के पास चला गया और मैंने उन्हें डांस करने को कहा, लेकिन आंटी बोली कि नहीं बेटा तुम करो, में यह सब नहीं करूँगी। फिर मैंने उनसे आग्रह किया प्लीज आंटी करिए ना और थोड़ी देर ना के बाद वो अब मान गई। फिर मैंने उनका हाथ पकड़कर उन्हें खड़ा किया और अब हम दोनों डांस करने लगे और मैंने देखा कि राकेश को ज़्यादा नशा होने की वजह से वो अपनी दोनों आखें बंद करके बैठा रहा। अब मैंने एक रोमेंटिक गाना चला दिया और आंटी को डांस करने के लिए कहा, पहले तो वो मना करने लगी, लेकिन बाद में मेरे बहुत बार ज़िद करने पर वो मान गई। मैंने एक हाथ से उनका मुलायम हाथ पकड़ा और अपना एक हाथ उनकी पतली, गरम कमर पर रख दिया और अब हम डांस करने लगे। फिर मैंने महसूस किया कि आंटी थोड़ा शरमा रही थी। फिर मैंने आंटी से पूछा कि आंटी आप ऐसे घबरा क्यों रही हो? आंटी बोली कि बेटा मैंने कभी ऐसे डांस नहीं किया और अब में समझ गया कि यह चुद जरुर जाएगी, लेकिन आसानी से नहीं और मुझे थोड़ी मेहनत करनी होगी। फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी शरमाना कैसा? वैसे भी आप आज इस साड़ी में बहुत हॉट, सेक्सी लग रही हो और में मुस्कुरा दिया। फिर आंटी शरमाते हुए कहने लगी धत बदमाश, में अब खुद को आंटी से और भी सटाने लगा, जिसकी वजह से अब उनके बूब्स मेरी छाती के बिल्कुल पास थे और मेरा लंड भी अब जागने लगा। फिर मैंने आंटी से कहा कि आंटी आप सही में बहुत सुंदर और सेक्सी हो और में आपको बहुत पसंद करता हूँ, लेकिन में आपसे ना जाने क्यों यह बात कहने से डरता हूँ। दोस्तों आंटी मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम से चुप हो गई और मुझे देखने लगी। मैंने धीरे से उन्हें और सटाकर बोला कि आंटी में आपसे बहुत प्यार करता हूँ और अब में एक हाथ से उनकी चूतड़ पर सहलाने लगा, आंटी मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि तुम अभी अपने पूरे होश में नहीं हो राजा प्लीज छोड़ दो मुझे, वरना राकेश देख लेगा।
फिर मैंने अपने होंठ उनके होंठो पर रख दिए और चूमने, चूसने लगा, उम्म्म अह्ह्ह्हह्ह्ह उम्म्म अह्ह्ह्ह दोस्तों वाह क्या होंठ थे उनके और वो मुझसे लगातार छूटने की कोशिश करती रही, लेकिन में अब उन्हें ऐसे छोड़ने वाला नहीं था और में उन्हें लगातार किस करता रहा और उनकी गांड को सहलाता रहा। अब उनकी सांसे भी बहुत तेज़ हो गई थी और उन्होंने किसी तरह अपने आपको मुझसे छुड़ाया और फिर दूर हट गई और गुस्से से बोली क्यों तुम अपने होश में हो? फिर में बोला कि आंटी प्लीज मुझे माफ़ करना, लेकिन आपको देखकर में कंट्रोल नहीं कर पाया। तभी राकेश भी उठ गया और उसने पूछा कि क्या हुआ? आंटी ने कहा कि कुछ नहीं चलो खाना खा लो। फिर राकेश ने कहा कि उसे इस समय भूख नहीं बहुत नींद आ रही है। फिर आंटी और में उसे पकड़कर कमरे तक ले गये और लेटा दिया, कमरे से बाहर आकर आंटी ने कहा कि तुम बैठो में तुम्हारे लिए खाना लेकर आती हूँ।
दोस्तों आंटी उस समय बहुत गुस्से में थी और अब मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था। फिर भी में किचन में चला गया और उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया और मैंने उनसे कहने लगा कि प्लीज आंटी मुझे माफ़ कर दो, लेकिन में आपको दिल से बहुत पसंद करता हूँ और आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो। अब आंटी कुछ नहीं बोली बस आश्चर्यचकित होकर देखती रही और मैंने इस बात का फायदा उठाते हुए उन्हें पीछे से पकड़कर उनकी कमर को चूमने लगा उम्म्म अह्ह्ह्ह उम्म्म तो आंटी मेरा विरोध करने लगी और मुझसे कहने लगी कि नहीं, प्लीज राजा छोड़ो मुझे, तुम यह क्या कर रहे हो? लेकिन मैंने उनकी एक भी बात ना सुनी और मैंने अपने हाथ उनके बूब्स पर रख दिए और उनके बूब्स दबाते हुए उनकी गर्दन पर किस करने लगा उम्म्म उम्म अह्ह्ह में आपसे बहुत प्यार करता हूँ आंटी उम्म्म में आपको चोदना चाहता हूँ। दोस्तों बूब्स दबाने से आंटी तेज़ी से सिसकियाँ ले रही थी, अह्ह्ह्ह उह्ह्ह प्लीज राजा छोड़ो मुझे, थोड़ा होश में आओ, एम्म्म आह राजा, अब में बूब्स दबाता रहा और फिर मैंने उन्हें बिल्कुल सीधा किया और उनके होंठो को चूसने लगा उम्म्म एम्म उम्म्म आंटी उम्म्म उम्म्म। अब उनकी धड़कने बहुत तेज़ होती जा रही थी और अब उनका विरोध भी धीरे धीरे कम हो रहा था और में उनके बूब्स के ऊपर किस करने लगा और मैंने उनका पल्लू नीचे गिरा दिया, इसस्सस्स राजा प्लीज छोड़ो उम्म्म्म अह्ह्ह्हह राजा, राकेश देख लेगा, उह्ह्ह्ह। अब वो भी धीरे धीरे गरम होने लगी थी। फिर मैंने किस करते हुए उनके ब्लाउज को खोल दिया और उतारकर फेंक दिया और अब उनके बूब्स को दबाते हुए किस करने लगा, अह्ह्ह्ह राजा प्लीज ऐसा मत करो, अह्ह्ह्हह उईईइ प्लीज राजा छोड़ दो आअहहअया। में बस अब उन्हें चोदना चाहता था और मैंने बिना देर किए उनकी साड़ी और पेटीकोट को नीचे सरका दिया और उनकी गांड और बूब्स को दबाते हुए किस करने लगा, आह्ह राजा बस करो उम्म्म उईईइ अह्ह्ह्ह राजा प्लीज छोड़ो मुझे अह्ह्ह्ह राजा।
अब में अपने होंठो को बूब्स पर रखकर बूब्स चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से निचोड़ने लगा और अब वो पागल होने लगी उम्म्म उम्म्म उहहहह उहह में तेज़ी से बूब्स को दबाकर उन्हें चूस रहा था। दोस्तों वाह क्या मस्त बूब्स थे, उस साली को मज़ा आ गया और वो अब मस्ती में आकर चुसवा रही थी और सिसकियाँ ले रही थी, आह्ह्ह्हह आईईईई राजा दर्द हो रहा है प्लीज अउईईइ बस करो, लेकिन में नहीं रुका और मैंने एक हाथ उसकी कम बालों वाली चूत पर रख दिया और मेरा हाथ लगते ही वो तेज़ से चिल्लाई उफ्फ्फ्फ़ राजा प्लीज अब बस छोड़ दो मुझे अह्ह्ह्ह। फिर मैंने तुरंत अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिए और अब में उसकी चूत को सहलाने लगा, वो अब बहुत गरम हो चुकी थी। फिर मैंने नीचे जाकर अपनी जीभ उसकी चूत में लगाकर उसकी चूत को चाटने लगा तो वो आह्ह्ह्ह राजा उईईइ बस करो, में अब सह नहीं पा रही हूँ, अह्ह्ह राजा आअउहह। वाह दोस्तों क्या मस्त स्वाद था उसकी चूत का। में अब अपनी पूरी जीभ को चूत के अंदर डालकर चूसने लगा, आह्ह्ह्ह राजा उहह उम्म्म उम्म्म और अब उसका एक हाथ मेरा सर उसकी चूत में दबा रहा था और मैंने ज़्यादा देर करना ठीक ना समझते हुए सारे कपड़े उतार दिए और उसका एक पैर हाथ से उठाकर उसको किस करने लगा, उम्म्म उह्ह्ह्ह अब मैंने महसूस किया कि उसकी सिसकियों की आवाज दब गई है।
फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं से सटाकर एक ज़ोर का झटका मारा और मेरा पूरा लंड उसकी गीली चूत में फिसलता हुआ समा गया और उस ज़ोर के धक्के की वजह से उसने तेज़ी से चिल्लाते हुए अपनी दोनों आखों को बंद कर लिया, आह्ह्ह्ह राजा प्लीज बाहर निकालो इसे, मुझे बहुत दर्द हो रहा है ईससस्स अह्ह्ह्हह प्लीज अब बस करो, लेकिन में अब सुनने वाला नहीं था और में उसे तेज़ी से धक्के देकर चोदने लगा और वो आँख बंद किए हुए सिसकियाँ भरती रही, आआअहह आअहह उफ्फ्फ्फ़ राजा बस करो प्लीज आईईईइ अब नहीं। फिर में उसके होंठ चूसते हुए अपना लंड और स्पीड से लगातार अंदर बाहर करता रहा और वो आँख बंद किए चुदवाती रही। दोस्तों में आपको बता नहीं सकता उसकी चूत में क्या मस्त लंड जा रहा था? में अब उसे गोद में उठाकर तेज़ी से धक्के देकर चोदने लगा और वो मेरे कंधे पकड़कर मस्ती में चुदवाने लगी, उईईइ आआहह राजा बस उम्म्म बहुत दर्द हो रहा है आआहह। दोस्तों में उसे लगातार धक्के देकर चोद रहा था और फिर मैंने उसे किचन की अलमारी में बैठा दिया और चोदने लगा और हर धक्के से उसके बूब्स ज़ोर से हिल रहे थे और उसकी सिसकियाँ मुझे जानवर बना रही थी, अअयाउहह उम्म्म उम्म इससस्स। अब उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और मेरी पीठ पर नाख़ून गड़ाने लगी तो में तुरंत समझ गया कि यह अब झड़ने वाली है और मैंने भी अपनी स्पीड को तेज़ कर दिया और चोदता रहा, आह्ह्ह्हह राजा अउईईइ माँ में गई, आआहह इससस्स अयाआहह और फिर वो झड़ गई और में भी साथ में झड़ गया और थककर पास में खड़ा हो गया, वो अपने बाल ठीक करते हुए अपना सर नीचे करके बैठी रही। फिर मैंने उससे कहा कि आंटी मुझे माफ़ करना, लेकिन में आपको बहुत पसंद करता हूँ तो इसलिए में खुद को रोक नहीं पाया। फिर वो मुझसे बिना कुछ बोले अपने कपड़े उठाकर बाथरूम में चली गई और में चुपचाप हॉल में जाकर बैठ गया। फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे अपने रूम से आवाज़ देकर बुलाया तो में उनके रूम के बाहर जाकर खड़ा हो गया और उन्होंने मुझसे अंदर आने को बोला और अब वो दरवाजा बंद करके मुझसे लिपट गई। फिर वो बोली कि तुम बहुत अच्छे हो राजा, आज तुमने मुझे चोदकर बहुत ख़ुशी दी है और में कई दिनों बाद मुझे किसी ने इतना जमकर चोदा है और वो मुझे किस करने लगी। फिर में भी उनको किस करने लगा और उस रात हमने तीन बार चुदाई की और थककर सो गए। सुबह में अपने घर चला आया और अब जब भी समय मिलता है तो हम चुदाई करते है
दोस्तों इस कहानी का तीसरा पात्र जी हाँ वो में हूँ और मुझे चुदाई का बहुत शौक है और यह घटना मेरे साथ करीब एक साल पहले घटित हुई वैसे तो में एक चुड़क्कड़ किस्म का इंसान हूँ तो इसलिए में हमेशा कोई ना कोई चूत ढूंढता रहता हूँ। दोस्तों मेरा राकेश के यहाँ पर रोज का आना जाना लगा रहता था, लेकिन उसकी माँ को देखकर हमेशा से ही मेरा लंड उसे चोदने को होता था, लेकिन मुझे कभी कोई ऐसा मौका नहीं मिला जिसका में अच्छी तरह से फायदा उठा सकता? वैसे हम हमेशा थोड़ी बहुत हंसी, मजाक बातें कर लिया करते थे। दोस्तों अब राकेश का जन्मदिन बहुत नज़दीक आ रहा था और उसके पापा किसी जरूरी काम से कुछ दिनों के लिए बाहर गये हुए थे। मैंने उसे एक दिन फोन किया और पेपर होने के कारण हम ज़्यादा घूम नहीं पा रहे थे। राकेश हैल्लो..
में : राकेश क्यों कहाँ है यार?
राकेश : यार में तो अपने घर पर हूँ और टी.वी. देख रहा हूँ।
में : यार चल ना कोई फिल्म देखने चलते है।
राकेश : रुक में अभी अपनी माँ से पूछता हूँ।
में : ठीक है थोड़ी देर बाद दोबारा फोन करता हूँ।
राकेश : यार मेरी माँ मुझसे जाने के लिए मना कर रही है, वो कह रही है कि घर पर ही रह, यार तू मेरे घर पर आजा हम लोग घर पर ही फिल्म देख लेते है।
में : ठीक है में बीस मिनट में तेरे पास आता हूँ।
राकेश : हाँ ठीक है।
फिर में तैयार होने लगा और मन ही मन बहुत खुश भी था कि मुझे आज उसकी सेक्सी माँ को देखने का मौका मिलेगा। में तैयार होकर राकेश के घर को निकल गया और उसके घर पर पहुंचकर मैंने घंटी बजाई, राकेश ने दरवाजा खोला और मुझसे अंदर आने को कहा।
में : राकेश अंकल और आंटी कहाँ है?
राकेश : यार पापा एक हफ्ते के लिए काम से बाहर गये है और माँ अभी सो रही है।
में : यार छुट्टियाँ भी है, लेकिन मौज मस्ती नहीं की तो अब तरस रहा हूँ और तू बता तू तो अंजलि को मिलने जा रहा था ना?
राकेश : नहीं यार नहीं जा पाया घर में काम बहुत है और माँ नाराज़ हो है इसलिए नहीं गया।
में : कोई बात नहीं यार माँ मान जाएगी।
राकेश : चल अब फिल्म देखते है, में कल ही लेकर आया था।
में : हाँ चल बहुत दिन हो गये फिल्म देखे।
दोस्तों अब हम राकेश के रूम में जाकर फिल्म देखने लगे और एक घंटे बाद आंटी उठ गई और उस कमरे में आई जिसमें हम बैठे हुए फिल्म देख रहे थे।
आंटी : क्यों क्या देख रहे हो तुम दोनों?
में : नमस्ते आंटी।
राकेश : फिल्म देख रहे है माँ।
आंटी : ठीक है, में तुम लोगों के लिए कुछ खाने को लेकर आती हूँ।
फिर इतना बोलकर आंटी किचन में जाने लगी और में उनकी साड़ी में उनकी मटकती हुई गांड को देखने लगा, क्या मस्त लग रही थी? फिर हम फिल्म देखने लगे और बीस मिनट बाद आंटी हमारे लिए चाय और स्नेक्स लेकर आई और वो भी हम लोगों के साथ बैठ गई और मुझसे कहने लगी लो बेटा चाय पियो और अब हम दोनों अपनी अपनी चाय अपने हाथ में लेकर स्नेक्स खाने लगे। फिर आंटी ने मुझसे पूछा कि राजा तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है?
में : जी आंटी बहुत अच्छी चल रही है।
आंटी : क्यों आज कल तुम घर पर आते नहीं हो?
में : आंटी पेपर है तो ज़्यादा समय नहीं निकल पाता इसलिए।
आंटी : हाँ बेटा अच्छी बात है और अपनी पढ़ाई में ज्यादा से ज्यादा मन लगाकर पढ़ाई करो।
में : अरे यार राकेश तेरा जन्मदिन भी तीन दिन बाद है क्यों मनाएगा ना?
राकेश : यार तू तो अच्छी तरह से जानता है कि इस समय पापा घर पर नहीं है तो बहुत मुश्किल है।
में : देख में कुछ नहीं जानता मुझे तो पार्टी चाहिए।
राकेश : यार, लेकिन।
में : में लेकिन वेकिन कुछ नहीं जानता, में तेरे घर आ जाऊंगा और फिर में, आंटी और तू मज़े करेंगे, क्यों आंटी मैंने ठीक कहा ना?
आंटी : हंसते हुए बोली कि हाँ ठीक है में खाना बना लूँगी।
में : क्यों राकेश ठीक रहा ना?
राकेश : हाँ ठीक है यार।
में : अब यार में चलता हूँ जन्मदिन पर आ जाऊंगा, ठीक है आंटी नमस्ते।
आंटी : ठीक है बेटा नमस्ते।
अब में अपने घर के लिए निकल लिया। मैंने बाहर राकेश को बोला कि यार तू बिल्कुल भी फ़िक्र मत कर, में अपने साथ विस्की ले आऊंगा।
राकेश : यार माँ के सामने तू क्या मुझे मरवाएगा?
में : यार उसकी फ़िक्र तू मत कर, आंटी को में मना लूँगा, ठीक है बाय।
राकेश : ठीक है बाय।
फिर में अपने घर पर चला आया और में अपने घर पर आकर बस उसकी माँ को चोदने के बारे में सोच रहा था कि में उसे कैसे चोदूँ और बहुत सोचने के बाद मुझे उसके जन्मदिन पर वो मौका मिल रहा था और वो सब सोचते सोचते में ना जाने कब सो गया। फिर उसके जन्मदिन के दिन मैंने राकेश को फोन करके जन्मदिन की बधाईयाँ दे दी और मैंने उससे पार्टी का समय पूछा तो वो मुझसे बोला कि तुम शाम को 7 बजे आ जाना। फिर में बोला कि ठीक है और मैंने फोन कटकर दिया। दोस्तों उसकी माँ को सोचकर ही सारा दिन लंड खड़ा होता रहा। में तीन बजे घर से बाजार चला गया और मैंने राकेश के लिए एक शर्ट खरीद ली। उसके बाद मैंने एक वाईन शॉप से एक विस्की की फुल बोतल ली और फिर मैंने मेडिकल स्टोर से एक कंडोम का पेकेट भी ले लिया और अब अपने घर पर आकर में तैयार होने लगा, में आज बहुत खुश था और डियो लगाकर में राकेश के घर के लिए निकल गया और उसके घर पर ठीक समय पर पहुंच गया। फिर उसकी माँ ने दरवाजा खोल दिया और मैंने उनसे हैल्लो आंटी कहा।
आंटी : हैल्लो बेटा, चलो अंदर आ जाओ।
में : क्या आंटी आप अभी तक तैयार नहीं हुई?
आंटी : तैयार क्या होना बेटा तुम लोग जन्मदिन मना लेना।
में : आंटी जन्मदिन तो जन्मदिन है ना और अब आपको भी हमारे साथ मनाना होगा, प्लीज आप अब तैयार हो लीजिए।
आंटी : ठीक है बेटा तुम बैठो, राकेश अपने रूम में है और कहते हो तो में भी अभी तैयार होकर आती हूँ।
दोस्तों अब आंटी अपने रूम में चली गई और में राकेश के रूम में।
में : जन्मदिन मुबारक हो राकेश।
राकेश : मेरे गले लग गया और उसने मुझे धन्यवाद बोला।
में : मैंने उसे गिफ्ट वाली शर्ट दे दी और उससे तैयार होने को बोला और अब वो भी तैयार होने लगा। फिर मैंने उससे कहा कि राकेश देख में तेरी पसंद की ब्रांड विस्की लेकर आया हूँ तो वो उसे देखकर बहुत खुश हुआ और अब हम तैयार होकर हॉल में पहुंच गये और आंटी का इंतजार करने लगे।
में : यार राकेश जन्मदिन पर तो गाना जरुर होना चाहिए ना।
राकेश : हाँ यार रुक में अभी लगाता हूँ।
तभी मेरी नज़र आंटी पर पड़ी, वो क्या लग रही थी उस नीले कलर की जालीदार साड़ी में बहुत हॉट, सेक्सी और उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी तो उनके बूब्स हिलते हुए बहुत मस्त लग रहे थे, उन्हें देखकर मेरा मन कर रहा था, उनसे चिपककर एक किस कर लूँ, लेकिन मैंने मन को कंट्रोल किया और फिर मैंने उनसे कहा कि वाह आंटी आप तो बहुत सुंदर दिख रही हो।
आंटी : थोड़ा शरमाते हुए धन्यवाद बेटा, तुम लोग क्या कर रहे हो?
में : आंटी, गाने लगा रहा हूँ।
आंटी : ठीक है तो में तुम दोनों के लिए कोल्डड्रिंक्स लेकर आती हूँ और आंटी जाने लगी।
दोस्तों उनका ब्लाउज पूरा खुला हुआ था और उसमें से उनकी कमर बहुत सेक्सी लग रही थी और उनकी वो मटकती हुई गांड देखकर में और भी पागल हो रहा था, में बस यही सोच रहा था कि अगर आज रात उसे चोद लूँ तो मज़ा आ जाए। फिर अचानक गाना शुरू हुआ तो में अपनी उस सोच से बाहर आया और हम बातें करने लगे। फिर आंटी कोल्ड ड्रिंक्स लेकर आई और फिर से जाने लगी तो में उन्हें रोकते हुए बोला कि आंटी आप कहाँ जा रही है प्लीज कुछ देर हमारे पास भी बैठिए ना?
आंटी : बेटा तुम दोनों अपना काम करो और में खाना तैयार करती हूँ।
में : आंटी आप भी हमारे साथ पार्टी में शामिल हो तो इसलिए आपको भी बैठना पड़ेगा क्यों राकेश?
राकेश : हाँ माँ बैठो ना।
आंटी : ठीक है बेटा तुम कहते हो तो में भी बैठ जाती हूँ।
दोस्तों अब आंटी हमारे सामने बैठ गई और मैंने सबको कोल्ड ड्रिंक दे दी और फिर हम तीनों ने चियर्स किया और कोल्ड ड्रिंक पीकर बातें करने लगे। तभी राकेश मुझसे बहुत धीरे से बोला कि यार अब माँ को ड्रिंक के लिए कैसे मनाएँगे? दोस्तों वो मुझसे बिल्कुल चिपककर बैठा हुआ था और गाने चलने की वजह से सिर्फ में उसकी वो सभी बातें सुन रहा था।
में : रुक में अभी उनसे बात करता हूँ।
फिर में आंटी से बोला कि आंटी आज जन्मदिन है और आज के दिन अगर हम आपसे कुछ भी मांगे तो आप हमे मना नहीं करोगी।
आंटी : हाँ बेटा बोलो तुम्हें ऐसा क्या चाहिए?
में : आंटी क्या हम ड्रिंक कर सकते है?
आंटी : थोड़ा गुस्सा होते हुए बोली कि ऐसा बिल्कुल नहीं, कुछ हो जाएगा तो और वैसे भी पीना शरीर के लिए बहुत खराब होता है।
में : हाँ आंटी हमे पता है, लेकिन सिर्फ आज के दिन, प्लीज़ आंटी ऐसा कुछ नहीं होगा, बस आज के लिए प्लीज आंटी।
आंटी : नाख़ूशी से बोली ठीक, लेकिन ज़्यादा नहीं पीना और अब में खाना बनाने जा रही हूँ।
अब आंटी किचन में चली गई और इधर हम दोनों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था। फिर मैंने बोतल बाहर निकाली और दो पेग बनाए और चियर्स करके पीने लगे, राकेश को विस्की से जल्दी नशा हो जाता था और यह बात मुझे पहले से ही पता थी तो इसलिए मैंने उसे जानबूझ कर पहला भारी पेक दे दी और खुद भी लेने लगा, हम लोग को पीते हुए करीब 45 मिनट हो चुके थे और हम दोनों को शराब का असर शुरू हो चुका था और हमने आधी बोतल ख़त्म कर ली थी। फिर मैंने राकेश से बोला कि चल यार अब थोड़ा डांस करते है और मैंने एक अच्छा सा गाना लगा दिया और हम दोनों डांस करने लगे। तभी आंटी आई और उन्होंने मुझसे कहा कि बेटा खाना बन गया है, में लगा देती हूँ और तुम आकर खा लो।
में : आंटी अभी तो हम नाचने लगे है प्लीज आप भी आ जाईए।
आंटी : नहीं बेटा, में अब अपने कमरे में जा रही हूँ।
में : प्लीज आंटी आइए ना।
अब आंटी मेरे बहुत बार कहने पर बैठ गई और राकेश को अब ज़्यादा हो ही रही थी तो वो थोड़ी देर डांस करने के बाद सोफे पर बैठ गया। फिर में आंटी के पास चला गया और मैंने उन्हें डांस करने को कहा, लेकिन आंटी बोली कि नहीं बेटा तुम करो, में यह सब नहीं करूँगी। फिर मैंने उनसे आग्रह किया प्लीज आंटी करिए ना और थोड़ी देर ना के बाद वो अब मान गई। फिर मैंने उनका हाथ पकड़कर उन्हें खड़ा किया और अब हम दोनों डांस करने लगे और मैंने देखा कि राकेश को ज़्यादा नशा होने की वजह से वो अपनी दोनों आखें बंद करके बैठा रहा। अब मैंने एक रोमेंटिक गाना चला दिया और आंटी को डांस करने के लिए कहा, पहले तो वो मना करने लगी, लेकिन बाद में मेरे बहुत बार ज़िद करने पर वो मान गई। मैंने एक हाथ से उनका मुलायम हाथ पकड़ा और अपना एक हाथ उनकी पतली, गरम कमर पर रख दिया और अब हम डांस करने लगे। फिर मैंने महसूस किया कि आंटी थोड़ा शरमा रही थी। फिर मैंने आंटी से पूछा कि आंटी आप ऐसे घबरा क्यों रही हो? आंटी बोली कि बेटा मैंने कभी ऐसे डांस नहीं किया और अब में समझ गया कि यह चुद जरुर जाएगी, लेकिन आसानी से नहीं और मुझे थोड़ी मेहनत करनी होगी। फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी शरमाना कैसा? वैसे भी आप आज इस साड़ी में बहुत हॉट, सेक्सी लग रही हो और में मुस्कुरा दिया। फिर आंटी शरमाते हुए कहने लगी धत बदमाश, में अब खुद को आंटी से और भी सटाने लगा, जिसकी वजह से अब उनके बूब्स मेरी छाती के बिल्कुल पास थे और मेरा लंड भी अब जागने लगा। फिर मैंने आंटी से कहा कि आंटी आप सही में बहुत सुंदर और सेक्सी हो और में आपको बहुत पसंद करता हूँ, लेकिन में आपसे ना जाने क्यों यह बात कहने से डरता हूँ। दोस्तों आंटी मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम से चुप हो गई और मुझे देखने लगी। मैंने धीरे से उन्हें और सटाकर बोला कि आंटी में आपसे बहुत प्यार करता हूँ और अब में एक हाथ से उनकी चूतड़ पर सहलाने लगा, आंटी मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि तुम अभी अपने पूरे होश में नहीं हो राजा प्लीज छोड़ दो मुझे, वरना राकेश देख लेगा।
फिर मैंने अपने होंठ उनके होंठो पर रख दिए और चूमने, चूसने लगा, उम्म्म अह्ह्ह्हह्ह्ह उम्म्म अह्ह्ह्ह दोस्तों वाह क्या होंठ थे उनके और वो मुझसे लगातार छूटने की कोशिश करती रही, लेकिन में अब उन्हें ऐसे छोड़ने वाला नहीं था और में उन्हें लगातार किस करता रहा और उनकी गांड को सहलाता रहा। अब उनकी सांसे भी बहुत तेज़ हो गई थी और उन्होंने किसी तरह अपने आपको मुझसे छुड़ाया और फिर दूर हट गई और गुस्से से बोली क्यों तुम अपने होश में हो? फिर में बोला कि आंटी प्लीज मुझे माफ़ करना, लेकिन आपको देखकर में कंट्रोल नहीं कर पाया। तभी राकेश भी उठ गया और उसने पूछा कि क्या हुआ? आंटी ने कहा कि कुछ नहीं चलो खाना खा लो। फिर राकेश ने कहा कि उसे इस समय भूख नहीं बहुत नींद आ रही है। फिर आंटी और में उसे पकड़कर कमरे तक ले गये और लेटा दिया, कमरे से बाहर आकर आंटी ने कहा कि तुम बैठो में तुम्हारे लिए खाना लेकर आती हूँ।
दोस्तों आंटी उस समय बहुत गुस्से में थी और अब मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था। फिर भी में किचन में चला गया और उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया और मैंने उनसे कहने लगा कि प्लीज आंटी मुझे माफ़ कर दो, लेकिन में आपको दिल से बहुत पसंद करता हूँ और आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो। अब आंटी कुछ नहीं बोली बस आश्चर्यचकित होकर देखती रही और मैंने इस बात का फायदा उठाते हुए उन्हें पीछे से पकड़कर उनकी कमर को चूमने लगा उम्म्म अह्ह्ह्ह उम्म्म तो आंटी मेरा विरोध करने लगी और मुझसे कहने लगी कि नहीं, प्लीज राजा छोड़ो मुझे, तुम यह क्या कर रहे हो? लेकिन मैंने उनकी एक भी बात ना सुनी और मैंने अपने हाथ उनके बूब्स पर रख दिए और उनके बूब्स दबाते हुए उनकी गर्दन पर किस करने लगा उम्म्म उम्म अह्ह्ह में आपसे बहुत प्यार करता हूँ आंटी उम्म्म में आपको चोदना चाहता हूँ। दोस्तों बूब्स दबाने से आंटी तेज़ी से सिसकियाँ ले रही थी, अह्ह्ह्ह उह्ह्ह प्लीज राजा छोड़ो मुझे, थोड़ा होश में आओ, एम्म्म आह राजा, अब में बूब्स दबाता रहा और फिर मैंने उन्हें बिल्कुल सीधा किया और उनके होंठो को चूसने लगा उम्म्म एम्म उम्म्म आंटी उम्म्म उम्म्म। अब उनकी धड़कने बहुत तेज़ होती जा रही थी और अब उनका विरोध भी धीरे धीरे कम हो रहा था और में उनके बूब्स के ऊपर किस करने लगा और मैंने उनका पल्लू नीचे गिरा दिया, इसस्सस्स राजा प्लीज छोड़ो उम्म्म्म अह्ह्ह्हह राजा, राकेश देख लेगा, उह्ह्ह्ह। अब वो भी धीरे धीरे गरम होने लगी थी। फिर मैंने किस करते हुए उनके ब्लाउज को खोल दिया और उतारकर फेंक दिया और अब उनके बूब्स को दबाते हुए किस करने लगा, अह्ह्ह्ह राजा प्लीज ऐसा मत करो, अह्ह्ह्हह उईईइ प्लीज राजा छोड़ दो आअहहअया। में बस अब उन्हें चोदना चाहता था और मैंने बिना देर किए उनकी साड़ी और पेटीकोट को नीचे सरका दिया और उनकी गांड और बूब्स को दबाते हुए किस करने लगा, आह्ह राजा बस करो उम्म्म उईईइ अह्ह्ह्ह राजा प्लीज छोड़ो मुझे अह्ह्ह्ह राजा।
अब में अपने होंठो को बूब्स पर रखकर बूब्स चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से निचोड़ने लगा और अब वो पागल होने लगी उम्म्म उम्म्म उहहहह उहह में तेज़ी से बूब्स को दबाकर उन्हें चूस रहा था। दोस्तों वाह क्या मस्त बूब्स थे, उस साली को मज़ा आ गया और वो अब मस्ती में आकर चुसवा रही थी और सिसकियाँ ले रही थी, आह्ह्ह्हह आईईईई राजा दर्द हो रहा है प्लीज अउईईइ बस करो, लेकिन में नहीं रुका और मैंने एक हाथ उसकी कम बालों वाली चूत पर रख दिया और मेरा हाथ लगते ही वो तेज़ से चिल्लाई उफ्फ्फ्फ़ राजा प्लीज अब बस छोड़ दो मुझे अह्ह्ह्ह। फिर मैंने तुरंत अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिए और अब में उसकी चूत को सहलाने लगा, वो अब बहुत गरम हो चुकी थी। फिर मैंने नीचे जाकर अपनी जीभ उसकी चूत में लगाकर उसकी चूत को चाटने लगा तो वो आह्ह्ह्ह राजा उईईइ बस करो, में अब सह नहीं पा रही हूँ, अह्ह्ह राजा आअउहह। वाह दोस्तों क्या मस्त स्वाद था उसकी चूत का। में अब अपनी पूरी जीभ को चूत के अंदर डालकर चूसने लगा, आह्ह्ह्ह राजा उहह उम्म्म उम्म्म और अब उसका एक हाथ मेरा सर उसकी चूत में दबा रहा था और मैंने ज़्यादा देर करना ठीक ना समझते हुए सारे कपड़े उतार दिए और उसका एक पैर हाथ से उठाकर उसको किस करने लगा, उम्म्म उह्ह्ह्ह अब मैंने महसूस किया कि उसकी सिसकियों की आवाज दब गई है।
फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं से सटाकर एक ज़ोर का झटका मारा और मेरा पूरा लंड उसकी गीली चूत में फिसलता हुआ समा गया और उस ज़ोर के धक्के की वजह से उसने तेज़ी से चिल्लाते हुए अपनी दोनों आखों को बंद कर लिया, आह्ह्ह्ह राजा प्लीज बाहर निकालो इसे, मुझे बहुत दर्द हो रहा है ईससस्स अह्ह्ह्हह प्लीज अब बस करो, लेकिन में अब सुनने वाला नहीं था और में उसे तेज़ी से धक्के देकर चोदने लगा और वो आँख बंद किए हुए सिसकियाँ भरती रही, आआअहह आअहह उफ्फ्फ्फ़ राजा बस करो प्लीज आईईईइ अब नहीं। फिर में उसके होंठ चूसते हुए अपना लंड और स्पीड से लगातार अंदर बाहर करता रहा और वो आँख बंद किए चुदवाती रही। दोस्तों में आपको बता नहीं सकता उसकी चूत में क्या मस्त लंड जा रहा था? में अब उसे गोद में उठाकर तेज़ी से धक्के देकर चोदने लगा और वो मेरे कंधे पकड़कर मस्ती में चुदवाने लगी, उईईइ आआहह राजा बस उम्म्म बहुत दर्द हो रहा है आआहह। दोस्तों में उसे लगातार धक्के देकर चोद रहा था और फिर मैंने उसे किचन की अलमारी में बैठा दिया और चोदने लगा और हर धक्के से उसके बूब्स ज़ोर से हिल रहे थे और उसकी सिसकियाँ मुझे जानवर बना रही थी, अअयाउहह उम्म्म उम्म इससस्स। अब उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और मेरी पीठ पर नाख़ून गड़ाने लगी तो में तुरंत समझ गया कि यह अब झड़ने वाली है और मैंने भी अपनी स्पीड को तेज़ कर दिया और चोदता रहा, आह्ह्ह्हह राजा अउईईइ माँ में गई, आआहह इससस्स अयाआहह और फिर वो झड़ गई और में भी साथ में झड़ गया और थककर पास में खड़ा हो गया, वो अपने बाल ठीक करते हुए अपना सर नीचे करके बैठी रही। फिर मैंने उससे कहा कि आंटी मुझे माफ़ करना, लेकिन में आपको बहुत पसंद करता हूँ तो इसलिए में खुद को रोक नहीं पाया। फिर वो मुझसे बिना कुछ बोले अपने कपड़े उठाकर बाथरूम में चली गई और में चुपचाप हॉल में जाकर बैठ गया। फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे अपने रूम से आवाज़ देकर बुलाया तो में उनके रूम के बाहर जाकर खड़ा हो गया और उन्होंने मुझसे अंदर आने को बोला और अब वो दरवाजा बंद करके मुझसे लिपट गई। फिर वो बोली कि तुम बहुत अच्छे हो राजा, आज तुमने मुझे चोदकर बहुत ख़ुशी दी है और में कई दिनों बाद मुझे किसी ने इतना जमकर चोदा है और वो मुझे किस करने लगी। फिर में भी उनको किस करने लगा और उस रात हमने तीन बार चुदाई की और थककर सो गए। सुबह में अपने घर चला आया और अब जब भी समय मिलता है तो हम चुदाई करते है
wow super 1
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